मुलाक़ात

या पर्वर्दिगार कैसा है तू
उम्मीद करता हूँ की तेरे viewfinder में
कहीं, कभी कभी दिख जाता हूँ
हिलता डुलता, लड़खड़ाता गिरता संभालता मैं तेरा एक और किरदार

आज कल मुझे लगता है की तेरे इस महा movie में
तेरे इस किरदार का interval आ गया है
First half के बारे में जब मैं सोचता हूँ
तो अनगिनत सवाल अनगिनत एहसास उभर कर आते हैं

बिना warning के तूने इस किरदार को
तेरे movie में entry करवाई थी
बिना किसी training के तूने इस किरदार को
हीरो का रोल निभाने को मजबूर किया

दिख रहा है ना तुम्हे... मैं निभा रहा हूँ सारे किरदार
एक angry young man with a son वाला किरदार
Superman in barmuda with a wife वाला किरदार
A son with confused priorities वाला किरदार

कभी कभी घुस्से में कुछ बोल देता हूँ
तो शायद वो मुझ से रूठ जाती है
उस्को दुःख भी होता होगा... शायद...
रात के सन्नाटे में आसूँ भी आये होंगे... शायद...

पर अगले दिन सब normal सा ही लगता है
वो ही रोज़ वाला प्यार... रोज़ वाली मुस्कुराहट...
तो वो रात वाली हल्की हल्की आवाज़ क्या थी
मेरा कोई भ्रम होगा... शायद...

तेरी बरकत मैंने संभाल कर रखी है
सात साल का हो गया है वो
हँसता है, रोता है, रुलाता है
डरता है, और डराता भी है

घुस्सा आता है तो चल जाता है हाथ एक आध बार
फिर आसूँ निकलतें हैं वहाँ भी और यहाँ भी
गलतियों के लिए सज़ा तो मिलनी ही चाहिये...
मुझे पता है मैंने सही किया... शायद...

अब पता लग रहा है अम्मी अब्बा ने क्या झेल था
और ग़ुस्से में मुझे क्यों पेला था पिछवाड़े पर
आज भी डर लगता है आवाज़ उठाने में उन्के साम्ने
आज भी डर लगता है सर उठकर बात करने में

बेटे होने का धरम निभा रहा हूँ मैं
Call कर लेता हूँ हफ्ते-दो-हफ्ते में एक बार
खुश लगते हैं माँ-बाप मुझसे... शायद...
बेटे का कर्त्तव्य निभा रहा हूँ मैं... शायद...

इन अनुभवों को मैं धीरे धीरे
बुन रहा हूँ धागा धागा जोड़कर
उम्मीद है की एक स्वेटर बुन ही लूँगा
तेरे इस movie के खत्म होते होते

पर ए खुदा तूने स्वेटर ही माँगा था ना मुझसे ?
लाल, पीला, नीला, हरा... रंगीन धागों वाला
जिसमें एक हाथ full arm है और दूसरा half arm
जिसमें अनगिनत छेद होंगी जैसे किसी चूहे ने कुतर दिया हो

तू कुछ बोलता क्यों नहीं
शायद तूने स्वेटर ही माँगा होगा
जब हम रू-ब-रू होंगे
तो ये स्वेटर मैं तुम्हे भेंट करूंगा

मेरी बुनाई दिख रही है ना तुम्हे अपने viewfinder में
उम्मीद है की तुम पर अछि जचेगी
अगर सिलाई गलत हो रही हो तो बता देना
पर तुम इस बार भी चुप हो... हर बार की तरह

क्या मैं एक अच्छा बेटा बन पाया... पता नहीं
क्या मैं एक अच्छा पति बन पाया... पता नहीं
क्या मैं एक अच्छा बाप बन पाया... पता नहीं
क्या मैं एक अच्छा इंसान बन पाया... पता नहीं

Sussh Sussh अभी रुको अभी रुको
लगता है second हाफ शुरू होने वाला है
movie खत्म होते ही मिलते हैं
मेरी इस रंगीन स्वेटर के साथ